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________________ २४४] [प्रज्ञापना सूत्र [२४५-६ प्र.] भगवन् ! इन बादर वनस्पतिकायिक पर्याप्तकों और अपर्याप्तकों में से कौन किनसे अल्प, बहुत, तुल्य और विशेषाधिक हैं ? _[२४५-६ उ.] गौतम! सबसे कम बादर वनस्पतिकायिक-पर्याप्तक हैं, (उनसे) बादर वनस्पतिकायिक-अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं। [७] एतेति णं भंते! पत्तेयसरीरबादरवणप्फइकाइयाणं पज्जत्ताऽपज्जत्ताणं कतरे कतरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? ___ गोयमा! सव्वत्थोवा पत्तेयसरीरबादरवणप्फइकाइया पज्जत्तगा, पत्तेयसरीरबादरवणप्फइकाइया अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा। [२४५-७ प्र.] भगवन् ! प्रत्येकशरीर बादर वनस्पतिकायिक-पर्याप्तकों और अपर्याप्तकों में से कौन किनसे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं ? [२४५- ७ उ.] गौतम! सबसे थोड़े प्रत्येकशरीर बादर वनस्पतिकायिक-पर्याप्तक हैं, (उनसे) प्रत्येकशरीर बादर वनस्पतिकायिक-अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं। [८] एतेसि णं भंते! बादरनिगोदाणं पज्जत्ताऽपज्जत्ताणं कतरे कतरेहितो अप्या वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा! सव्वत्थोवा बादरनिगोदा पज्जत्तगा, बादरनिगोदा अपज्जत्तगा असंखेन्जगुणा। [२४५-८ प्र.] भगवन् ! इन बादर निगोद-पर्याप्तकों और अपर्याप्तकों में से कौन किनसे अल्प, बहुत, तुल्य या विशेषाधिक हैं ? [२४५-८ उ.] गौतम! सबसे अल्प बादर निगोद-पर्याप्तक हैं, (उनसे) असंख्यातगुणे बादर निगोदअपर्याप्तक हैं। [९] एएसि णं भंते! बादरतसकाइयाणं पज्जत्ताऽपज्जत्ताणं कतरे कतरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? ___ गोयमा! सव्वत्थोवा बादरतसकाइया पज्जत्तगा, बादरतसकाइया अपज्जत्तगा असंखेज्जगुणा। [२४५-९ प्र.] भगवन्! इन बादर त्रसकायिक-पर्याप्तकों और अपर्याप्तकों में से कौन किनसे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं ? ___ [२४५-९ उ.] गौतम! सबसे कम बादर त्रसकायिक-पर्याप्तक हैं (और उनसे) बादर त्रसकायिकअपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं। २४६. एएसि णं भंते! बादराणं बादरपुढविकाइयाणं बादरआउकाइयाणं बादरतेउकाइयाणं बादरवाउकाइयाणं बादरवणस्सइकाइयाणं पत्तेयसरीबादरवणप्फइकाइयाणं बादरनिगोदाणं बादर-तसकाइयाण य पज्जत्ताऽपज्जत्ताणं कतरे कतरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा?
SR No.003456
Book TitleAgam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 01 Stahanakvasi
Original Sutra AuthorShyamacharya
AuthorMadhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1983
Total Pages572
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Metaphysics, & agam_pragyapana
File Size12 MB
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