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ॐ अर्ह
जिनागम-ग्रन्थमाला : ग्रन्थांक-१६ [परमश्रद्धेय गुरुदेव पूज्य श्री जोरावरमलजी महाराज की पुण्यस्मृति में आयोजित]
[ श्री श्यामार्यवाचक-संकलित चतुर्थ उपांग]
प्रज्ञापनासूत्र
[प्रथम खण्ड : पद १ से ९ तक] [ मूलपाठ, हिन्दी अनुवाद-विवेचन-टिप्पण युक्त ]
प्रेरणा उपप्रवर्तक शासनसेवी स्व. स्वामी श्री ब्रजलालजी महाराज
आद्य संयोजक - प्रधान सम्पादक स्व. युवाचार्य श्री मिश्रीमलजी महाराज 'मधुकर'
अनुवादक-विवेचक–सम्पादक
श्री ज्ञानमुनि जी महाराज [स्व. जैनधर्मदिवाकर, आचार्य श्री आत्माराम जी महाराज के सुशिष्य]
सह-सम्पादक श्रीचन्द सुराना 'सरस'
श्री आगम प्रकाशन समिति,