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________________ १०० १०२ १०४ १०५ १०९ ११३ ११४ ११५ ११७ ११७ १२३ १२४ १२६ १२७ १२९ उपपात आदि सभाएँ पुस्तकरत्न एवं नन्दापुष्करिणी उपपातानन्तर सूर्याभदेव का चिन्तन सामानिक देवों द्वारा कृत्य-संकेत सूर्याभदेव का अभिषेक-महोत्सव अभिषेककालीन देवोल्लास अभिषेकानंतर सूर्याभदेव का अलंकरण सूर्याभदेव द्वारा कार्यनिश्चय सिद्धायतन का प्रमार्जन अरिहंत-सिद्ध भगवन्तों की स्तुति सूर्याभदेव द्वारा सिद्धायतन के देवच्छन्दक आदि की प्रमार्जना आभियोगिक देवों द्वारा आज्ञापालन सूर्याभदेव का सभा-वैभव सूर्याभदेव विषयक गौतम की जिज्ञासा केकय अर्ध जनपद और प्रदेशी राजा रानी सूर्यकान्ता और युवराज सूर्यकान्त चित्त सारथी कुणाला जनपद, श्रावस्ती नगरी, जितशत्रु राजा चित्तसारथी का श्रावस्ती की ओर प्रयाण श्रावस्ती नगरी में केशी कुमारश्रमण का पदार्पण दर्शनार्थ परिषदा का गमन और चित्त की जिज्ञासा चित्त सारथी का दर्शनार्थ गमन केशी श्रमण की देशना चित्त की केशी कुमार श्रमण से सेयविया पधारने की प्रार्थना केशी कुमारश्रमण का उत्तर चित्त की उद्यानपालकों को आज्ञा केशी कुमारश्रमण का सेयविया में पदार्पण चित्त का प्रदेशी राजा को प्रतिबोध देने का निवेदन केशी कुमारश्रमण का उत्तर प्रदेशी राजा को लाने हेतु चित्त की युक्ति केशी कुमारश्रमण को देखकर प्रदेशी का चिन्तन तज्जीव-तच्छरीरवाद मंडन-खंडन प्रदेशी की परम्परागत मान्यता का निराकरण १३० १३१ १३१ १३४ १३६ १३९ १४० १४४ १४५ १४७ १४९ १५१ १५२ १५४ १५६ १६४ १९० [३९]
SR No.003453
Book TitleAgam 13 Upang 02 Rajprashniya Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Ratanmuni
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1982
Total Pages288
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Philosophy, & agam_rajprashniya
File Size19 MB
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