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ॐ अर्ह
जिनागम-ग्रन्थमाला : ग्रन्थाङ्क - १५
[परम श्रद्धेय गुरुदेव पूज्य श्री जोरावरमलजी महाराज की पुण्यस्मृति में आयोजित
द्वितीय-उपाङ्गम्
राजप्रश्नीयसूत्रम्
[मूल पाठ, हिन्दी अनुवाद, विवेचन, परिशिष्ट युक्त]
प्रेरणा (स्व.) उपप्रवर्तक शासनसेवी स्वामी श्री ब्रजलालजी महाराज
आद्यसंयोजक तथा प्रधान सम्पादक (स्व.) युवाचार्य श्री मिश्रीमलजी महाराज 'मधुकर'
अनुवादक-विवेचक संपादक वाणीभूषण श्री रतनमुनि
देवकुमार जैन
प्रकाशक
श्री आगमप्रकाशन समिति,
ब्यावर (राजस्थान)