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________________ परिशिष्ट ७४ विशिष्ट-शब्द-सूची _ [प्रस्तुत परिशिष्ट में उन्हीं शब्दों को संगृहीत किया गया है, जो बहु प्रचलित नहीं हैं। प्रत्येक शब्द के सामने वह पृष्ठाङ्क अंकित किया गया है, जिस पृष्ठ पर उस शब्द का प्रयोग हुआ है। प्रस्तुत संस्करण अर्थ-सहित है ही, अतएव शब्दों का अर्थ सामने लिखित पृष्ठ पर देखा जा सकता है। ग्रन्थ में एक-एक शब्द अनेकानेक स्थलों पर प्रयुक्त हुआ है, किन्तु यहाँ उन सब स्थलों का उल्लेख करना आवश्यक न समझ कर केवल एक स्थल का ही उल्लेख किया गया है।] अकन्त २१ अणोहट्टिय अकारअ अण्डयवाणिय अक्खयनिहि अतुरियं अगड अतअ अग्गिअ अत्ताण अग्गिप्पओग अत्थ अच्छि अथव्वणवेय अज्झत्थि १६ अथाम अज्झवसाण ३८ अदूरसामंत अज्झोववन्न अदडिमकुदंडिम अट्ट अधम्मिए अट्ठमभत्त अधरिमं ६६ अद्धाण अन्तर २६ अन्तरा अणगारिय अन्तेउर अणसण १२७ अन्तेवासी अणहारअ ७३ अन्धरूव अणाह अप्पसो अणि ? अप्पिय अणुपुव्वेणं अबीअ अणुमग्गजाय अब्भङ्ग अणुमग्ग अभितरप्पवह अणुवासणा १९ अभटप्पवेस १२४ अट्टमी १०६ अट्ठि अट्ठ २४ x vड
SR No.003451
Book TitleAgam 11 Ang 11 Vipak Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Ratanmuni
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1982
Total Pages214
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Principle, & agam_vipakshrut
File Size5 MB
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