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________________ ५-श्री जैन एजुकेशन सोसाइटी के पेटर्न हैं। ६-श्री जयमल जैन छात्रावास के सदस्य हैं। ७-श्री एस.एस. जैन महिला संघ के अध्यक्ष हैं। ८-श्री दक्षिण भारत स्वाध्याय समिति चेन्नई के सदस्य हैं। उल्लिखित संस्थाओं के साथ संबद्ध होने के साथ-साथ आपने स्वयं अपने उदार दान से इन संस्थाओं की स्थापना भी की है १-खींवराज चोरडिया डिस्पेन्सरी, मावर रोड, चेन्नई २-खींवराज चोरडिया चेरेटेबिल ट्रस्ट, चेन्नई ३-श्रीमती भंवरीकुंवर चोरडिया चेरेटेबिल, चेन्नई इस संक्षिप्त परिचय से ही पाठक समझ सकेंगे कि सेठ खींवराजजी का जीवन कितना बहुमुखी है। विशेषत: उल्लेखनीय यह है कि चोरडियाजी अतीव भाग्यशाली हैं। वे लक्ष्मी के पीछे नहीं दौड़ते, लक्ष्मी उनके पीछे दौड़ती है। जब, जहाँ, जिस व्यवसाय में हाथ डालते हैं, पूर्ण सफलता आपका स्वागत करने के लिए सन्नद्ध रहती है। इतना सब होते हुए भी चोरडियाजी बहुत सादगी-पसन्द, सौजन्यमूर्ति, भद्रहृदय, अत्यल्पभाषी और प्रभावशाली व्यक्तित्व के धनी हैं। उल्लेख करते हुए अत्यन्त प्रसन्नता है कि प्रस्तुत शास्त्र 'ज्ञाताधर्मकथा' के प्रथम संस्करण के प्रकाशन का व्यय-भार आपने ही वहन किया है। इस उदारता के लिए समिति आपकी अतीव आभारी है।
SR No.003446
Book TitleAgam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Stahanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhukarmuni, Shobhachad Bharilla
PublisherAgam Prakashan Samiti
Publication Year1989
Total Pages662
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Literature, & agam_gyatadharmkatha
File Size14 MB
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