________________
निदेशकीय
स्व. कर्नल जेम्स टॉड प्रणीत राजस्थान का बृहद् इतिहास (दो भागों में) जितना विश्रुत हुआ उसी परिमाण में उनकी पुस्तक Travels in Western India उपेक्षित रही । Annals and antiquities of Rajasthan नामक इतिहास ग्रन्थ उनके जीवनकाल में ही प्रकाशित हो गया था किन्तु आलोच्य पुस्तक का प्रकाशन सन् 1839 में उनके निधन के चार साल बाद ही हो सका था। 'पश्चिमी भारत की यात्रा' नामक यह पुस्तक भाषा एवं भाव की दृष्टि से एक प्रौढ़ रचना है और इसमें गुजरात, राजस्थान, सौराष्ट्र आदि राज्यों के विविध स्थलों के यात्रा विवरण के साथ-साथ उन स्थानों के मन्दिर, मठ, बावडियाँ, शिलालेख, सिक्के एवं विभिन्न राजा महाराजाओं के बारे में विस्तृत वर्णन है जिसके आधार पर तत् तत् स्थानों का इतिहास लेखन किया जा सकता है। प्रतिष्ठान के तत्कालीन निदेशक ने इस ग्रन्थ के वैशिष्ट्य को दृष्टिगत रखते हुये इसका हिन्दी अनुवाद कार्य तत्कालीन उपनिदेशक श्री गोपालनारायण बहुरा को सौंपा और बहुराजी के प्रयासों के फलस्वरूप ही यह ग्रन्थ सन् 1965 में राजस्थान पुरातन ग्रन्थमाला से प्रकाशित हो सका।
शोधजगत् के सतत आग्रह का ही यह सुपरिणाम है कि प्रस्तुत पुस्तक पुनर्मुद्रित रूप में उनको समर्पित की जा रही है । मुझे पूर्ण विश्वास है कि प्रस्तुत पुनर्मुद्रण शोधजगत् में कार्यरत पुरातत्वान्वेषियों, इतिहासकारों एवं सामान्य जन के लिये समान रूप से रोचक एवं उपादेय साबित होगा।
आनन्दकुमार R.A.S.
निदेशक
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org