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________________ २० ] पश्चिमी भारत की यात्रा उनका यथासाध्य उपयोग कर श्री बहुरा ने टॉड के यात्रा विवरण के इस हिन्दी अनुवाद में अपनी ओर से प्रावश्यकतानुसार यत्र-तत्र कई महत्त्वपूर्ण उपयोगी टिप्पणियाँ जोड़ दी हैं जिनसे टॉड के दुरूह संदर्भों का स्पष्टीकरण, उसकी भूलों का निराकरण तथा इधर पिछली शोधों के परिणामों का निर्देशन होता है । टॉड ने अपने अंग्रेजी ग्रंथ के परिशिष्ट में कई एक महत्त्वपूर्ण शिलालेखों के प्राद्योपांत अंग्रेजी अनुवाद दिये हैं, इस हिन्दी संस्करण में उन शिलालेखों के प्राप्य मूल पाठ को भी यथावत् दिया जा रहा है; साथ ही, जहाँ जहाँ मूल श्रीर अंग्रेजी अनुवाद में अन्तर है वहाँ श्रावश्यक टिप्पणियां दे दी गई हैं । इन्हीं सारी विशेषताओं के कारण 'पश्चिमी भारत की यात्रा' ग्रंथ वस्तुतः विशेष उपयोगी, महत्त्वपूर्ण और संग्रहणीय हो गया है । आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि टॉड के इस श्रद्यावधि पर्यन्त उपेक्षित ग्रंथ 'ट्र ेवल्स इन वेस्टर्न इण्डिया' का, हिन्दी अनुवाद द्वारा ही क्यों न हो, अब तो अवश्य ही अधिकाधिक प्रसार होगा और पश्चिम भारत के पुरातत्त्ववेत्ता और इतिहासकार ही नहीं अन्य विषयों के प्रेमी और विशेषज्ञ भी उसे पढ़ कर पूर्णतया लाभान्वित होते रहेंगे । रघुबीर निवास सीतामऊ ( मालवा ) दिसम्बर ५, १६६४ ई० Jain Education International For Private & Personal Use Only - रघुबीरसिंह www.jainelibrary.org
SR No.003433
Book TitlePaschimi Bharat ki Yatra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJames Taud, Gopalnarayan Bahura
PublisherRajasthan Puratan Granthmala
Publication Year1996
Total Pages712
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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