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विषयानुक्रम
प्रकरण-२२
काठियों की प्राचीन राजधानी, कंथकोट; कच्छ के रावों के श्मशान; भुजनगर; जाड़ेचा सरदारों से भेट; उनकी पोशाक; राव देसल से मुलाकात; काचमहल; दीवानखाना; जाड़ेचों के विषय में ऐतिहासिक टिप्पणियाँ; यदुवंश; राजपूतों का वंशानुक्रम ; हिन्दुओं में बेटो-व्यवहार का विस्तार; यदुवंश और बौद्धधर्म; जाड़ेचों के पूर्वज, यादव; उनकी शक्ति; पश्चिमी एशिया से माई हुई इण्डो-सीथिक यादव जाति; सिन्ध-सुम्मा जाड़ेचा; वंश-वृक्ष; वंशावली में से उद्धरण; सिन्धसुम्मा जाड़ेचों का इसलाम धर्म में परिवर्तन; लाखा गरूरी के क्रमानुयायी; बहुविवाह के दुष्परिगाम; कच्छ में सुम्मा जाति की पहली बस्ती; जाड़े चों में बालवध की कुप्रथा का मूल; मोहलत मोहब्बत कोट की दुर्घटना; बालवध की कुप्रथा अब भी चालू है; प्रथम जाड़ेचा लाखा; जाड़ेचा रियासत के संस्थापक रायधन द्वारा महान् रण में उपनिवेश का नेतृत्व, भुज रियासत का संस्थापक राव खंगार, जाड़े चों की ऐतिहासिक वंशावली के निष्कर्ष ।
.४६२-४५७
प्रकरण-२३
कच्छ के आँकड़े और भूगोल; राजनीतिक गठन ; भायाद; राव के अधिकार; जागीरों के पट्टे; उत्तराधिकार के झगड़े; 'भतना' या अन्तर्जागीरों की समाप्ति; पश्चिमी राजपूत रियासतों और कच्छ के राजनीतिक रिवाजों में अन्तर; ब्रिटिश सरकार से सम्बन्धों की स्थापना मोर परिणाम; राव और भायाद के विवादों में वृटिशमध्यस्थता; ब्रिटिश सहायक-सेना की स्थापना; ब्रिटिश का पूर्ण अधिकार; माण्डवी; पट्टामार के बोर्ड पर, खाड़ी के पार, व्हेल मछली के दर्शन; पट्टामार के नाविकों और नाखुदा के चरित्र; बम्बई भागमन; वहाँ रुक जाने के शुभ परिणाम; उपसंहार ।
४८८-५०३
परिशिष्टपश्चात् टिप्पणी अनुक्रमणिका शुद्धि-पत्र .
५०५-५४१
५४२ ५४३
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