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________________ जीवन में विलीन न करें तो वह जीवित कैसे रह सकता है ? सामाजिक मनोवृत्ति वाला व्यक्ति उस व्यापार को नहीं करेगा, जिससे समाज को किसी प्रकार का लाभ न हो, जिस व्यक्ति ने अपना समाजीकरण कर लिया है, वह व्यक्ति अपने व्यक्तिगत लाभ की अपेक्षा समाज के लाभ को अधिक महत्व देता है, वह व्यक्ति अपने व्यक्तिगत सुख की अपेक्षा सामाजिक सुख को अधिक महत्व देता है, वह व्यक्ति यथावसर अपने व्यक्तिगत स्वार्थों को ठुकरा देता है और प्रत्येक स्थिति में समाज के हित का ध्यान रखता है । जब तक व्यक्ति में सर्वोच्च रूप में सामाजिक भावना का उदय नहीं हो पाता है, तब तक वह अपने व्यक्तित्व का समाजीकरण नहीं कर सकता । प्रश्न उठता है कि समाजीकरण के साधन क्या है ? समाजीकरण यदि प्रत्येक व्यक्ति के लिए साध्य मान लिया जाय तो यह जानना भी परमावश्यक है कि उसके साधन क्या है ? सामान्य रूप से यह कहा जा सकता है कि मुख्य रूप में व्यक्ति की सामाजिक भावना ही समाजीकरण का प्रधान साधन है । एक विद्वान् का कथन है कि “सम्पूर्ण समाज ही समाजीकरण का साधन है और प्रत्येक व्यक्ति जिसके सम्पर्क में आता है, किसी न किसी रूप में समाजीकरण का साधन अथवा प्रतिनिधि है।" विशाल समाज और व्यक्ति के बीच में अनेक छोटे-छोटे समूह होते हैं और वे व्यक्ति के समाजीकरण के मुख्य साधन हैं । उदाहरण के लिए- एक नवजात शिशु के समाजीकरण की प्रक्रिया उसके अपने घर से ही प्रारम्भ होती है, परन्तु जैसे-जैसे वह विकसित होता जाता है और जैसे-जैसे उसके जीवन के साथ अन्य समूहों का संबंध होता जाता है, वैसे-वैसे वह तीव्र गति से समाजीकरण करता जाता है । शिशु का सर्वप्रथम परिचय उसका अपनी माता से होता है, फिर पिता से, फिर 272
SR No.003430
Book TitleAnand
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherSugal and Damani Chennai
Publication Year2007
Total Pages346
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Discourse
File Size8 MB
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