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________________ स्वर्गस्थ आत्मा, लाला कल्याणदास जी जैन, भूतपूर्व मेयर, आगरा की पुण्य - स्मृति में उनके ज्येष्ठ पुत्र ओम प्रकाश जी ने तथा उनके पौत्र अनन्त कुमार ने एवं राजीव कुमार ने अस्तेय-दर्शन का पूरा अर्थ सहयोग देकर, सुन्दर प्रकाशन कराया है, तदर्थ भूरिशः धन्यवाद है। - लाला कल्याणदास जी अपने युग के एक महान व्यक्ति थे। इन पर सरस्वती और लक्ष्मी, दोनों की अपार कृपा थी। अपने व्यापार में कुशल, व्यवहार में मधुर और समाज तथा राष्ट्र-सेवा में निपुण व्यक्ति थे। आगरा के निरन्तर पाँच बार मेयर बनकर कीर्तिमान स्थापित किया। यह उनके जीवन की अभूतपूर्व सफलता थी। मेयर पद पर रहकर उन्होंने आगरा की जनता की खूब सेवा की और अनेक निर्माण कार्य भी कराए। उनके द्वारा किए गए सुधार, आज भी उनकी स्मृति को ताजा बनाए हुए हैं । आगरा नगर के इतिहास में, वे सदा अमर रहेंगे। परम पूज्य, ज्योतिर्धर व्यक्तित्व, परमगुरु, श्रद्धेय रत्न चन्द्र जी महाराज की सन् १९६४, दिनांक २४, २५, २६ मई को जो शताब्दी का विशाल आयोजन किया गया था, उसका सारा प्रबन्ध लाला कल्याणदास जी के हाथ में था। उस शुभ अवसर पर मदिया कटरा से लेकर पंचकुइयां तक के मार्ग का नाम रतन मुनि मार्ग रखा गया था। २० जून, १९९४ - विजय मुनि शास्त्री आगरा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003418
Book TitleAsteya Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni, Vijaymuni
PublisherSanmati Gyan Pith Agra
Publication Year1994
Total Pages152
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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