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वीरायतन परिवार के सदस्य श्री प्रफुल्लचन्द्रजी संघवी, जलगाँव एवं श्री नवरतन मलजी जैन, बम्बई का प्रस्तुत प्रकाशन में आर्थिक सहयोग उल्लेखनीय है । इसके प्रकाशन में श्री प्रफुल्ल भाई की सक्रिय प्रेरणा भी रही है।
श्रमण भगवान् महावीर की २५८६ वी जयन्ती के पावन-प्रसंग पर प्रस्तुत ग्रन्थ पाठकों के कर-कमलों में समर्पित करते हुए प्रसन्नता की अनुभूति हो रही है। विश्वास है, कि इसके अध्ययन एवं चिन्तन से जीवन-पथ प्रशस्त होगा।
श्री तनसुखराज डागा मंत्री, वीरायतन राजगृह
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