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श्री तरुणप्रभाचार्य रचित
षडावश्यकबालावबोधवृत्ति
सिंघी जैन ग्रन्थमाला के प्रधान संपादक तथा संचालक मुनि जिनविजयजी द्वारा आलेखित संपादकीय पर्यालोचन
प्रस्तुत पर्यालोचन के मुख्य विषय
१. प्रस्तुत ग्रन्थ के प्रकाशन का पूर्व इतिहास
२. प्रस्तुत बालावबोध की विशिष्ट उपयोगिता और इसके प्रकाशन निमित्त मेरे प्रयत्न ३. शांतिनिकेतन में सिंघी जैन ज्ञानपीठ की स्थापना और सिंघी जैन ग्रन्थमाला का कार्यारंभ ४. ग्रन्थ का संपादन कार्य डॉ. श्री. प्रबोध पंडित को देने का प्रसंग
५. ग्रन्थगत विषय का किंचित परिचय
६. तरूणप्रभाचार्य का विशेष परिचय
७. इस ग्रन्थ का सर्व प्रथम आलेखन करानेवाले धनिक श्रावक बलिराज के वंश का कुछ परिचय ८. प्रस्तुत ग्रन्थ के प्रकाशन में विलंब के कुछ कारण ९. सिंघी जैन ग्रन्थमाला के जीवन का संक्षिप्त सिंहावलोकन
१०. संपादक विद्वान के प्रति कृतज्ञताभाव प्रकटन
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