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जम्मणदिक्खनाणाणि मग्मस्सिरे, सुद्धइकारसीए जसु फग्गुणे । पंडुराए चउत्थि सुकिल बारसिं, मुक्ख तं मल्लिनाहं नमे
स्तुति तरंगिणी
पुन्नम्मि सावण चुई जसु जिट्ठमासे, मासासु अट्ठमि नवमिसु जम्ममुत्ती | साममि फग्गुण दुवालसि नाणु सुद्ध, बारस्सि दिक्ख पणमे मुणिसुच्चयं तं ॥२०॥ आसोय पुत्रमि चुई जसु जम्मदिक्खा, किन्हट्टमी, नवमी सावणासादमासे । मग्गस्सिरस्सि य इगारसि नाणु साम, वहसाह दसम्मि सिव नमिमो नर्मितं ॥ २१ ॥
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॥१९॥
सामाइ जस्स चुइ कत्तिय वारसीए, पंचमि जंमु सिय सावणि छट्ठि दिक्खा । आसोयमावसिहि नाणु, असाढ सेय, अट्ठमि निव्वुइ नमे तमरिट्ठनेमिं चित्तस्स किन्ह चउत्थी चुइ, नाणु जस्स, पोसरस सामलदसमि इगारसीसुं । जम्मव्वयाइ धवलट्ठमि सावणम्मि, मुक्खो थुणामि तमहं जिण पासनाहं ॥ २३ ॥
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॥२२॥
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