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( पछी मुठी बाली अक नवकार गणवो. ) इति पच्चक्खाण पारवानी विधि
पाणहारनु पच्चक्खाण
पाणहार दिवस चरिमं पञ्चकुखाइ अन्नत्थणाभोगेणं सहसागारेणं महत्तरागारेण सव्वसमाहिवत्तिआगारेणं वोसिरे.
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