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________________ १४ श्री आचार्यविनय करणरूप श्री सम्यग्दर्शन गुणधराय नमः १५ ,, उपाध्यायविनयकरणरूप श्री सम्यगदर्शनगणधराय नमः १६ ,, प्रवचनरूपसंघविनयकरणरूप श्रीसम्यग्दर्शनगुणधराय नमः १७,, सम्यग्दर्शनविनयकरणरूप श्री सम्यग्दर्शनगुगधराय नमः १८ मनःशुद्धिरूप श्री सम्यग्दर्शनगुणधराय नमः १९ वचनशुद्धिरूप श्री सम्यगदर्श नगणराय नमः २० कायशुद्धिरूप श्री सम्यग्दर्शनगणधराय नमः २१ शंकादूषणत्यागरूप श्री सम्यग्दर्शनगुणधराय नमः २२ आकांक्षादूषणत्यागरूप श्री सम्यग्दर्शनगुणधराय नमः २३ विचिकित्सादूषणत्यागरूप श्री सम्ययगदर्शनगणधराय नमः २४ मिथ्याइष्टिसंसगवर्जनरूप श्रीसम्यदग दर्शनगणघराय नमः २५ मिथ्यादृष्टिप्रशांसावर्जनरूप श्रीसम्यग्दर्शनगुणधराय नमः २६ श्री प्रवचन प्रभावक श्री सम्यग्दर्शनगणधराय नमः २७ ,, धनकथक प्रभावक श्री सम्यगदर्शनगुणधराय नमः २८ ,, वादि प्रभावक श्री सम्यग दर्शनगुणधराय नमः २९ , निमित्तक प्रभावक श्री सम्यग दर्शनगुणधराय नमः ३० ,, तपस्वि प्रभावक श्री सम्यग दर्शनगुणधराय नम ३१ ,, विद्या प्रभावक श्री सम्यग दर्शनगणधराय नमः Jain Education International For Private & Personal Use Only ___www.jainelibrary.org
SR No.003286
Book TitleVishsthanak Tap Vidhi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay
PublisherBhuvan Bhadrankar Sahitya Prachar Kendra
Publication Year1979
Total Pages102
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Ritual, & Vidhi
File Size4 MB
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