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अथ चतुर्थ आचार्य पद आराधन विधि. छत्रीश छत्रीशी गुणे, युगप्रधान मुणीट जिनमत परमत जाणता' नमो नमो ते सूरींद.
आ पदना ३६ गुण होवथी काउस्सग्ग ३६ लोगस्सनो करवो. २० नवकारवाली ॐ नमो आपरियाणं ओ पदनी गणवी खमासमण ३६ नीचे प्रमाणे कहोने आपवा.
१ प्रतिरूपगुणधराय श्रीआचार्याय नमः २ तेजस्विगुणधराय श्रीआचार्याय नमः ३ युग प्रधानागमाय श्रीआचार्याय नम : ४ मधुरवाक्यगुणधराय श्रीआचार्याय नमः ५ गम्भीरगुणधराय श्रीआचार्याय नमः
६ सुबुद्धिगुणधराय श्रीआचार्याय नमः ७ उपदेशतत्वराय श्रीआचार्यांय नमः
८ अपरिश्राविगुणधराय श्रीआचार्याय नमः ९ चन्द्रवत्सौम्यस्वगुणधाराय श्रीश्राचार्याय नमः
१० विविधाभिग्रहमतिधराय श्रीआचार्यांय नमः
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११ अविकथकगुणधराय श्रीआचार्यय नमः
१२ अचपल गुणधराय श्रीआचार्याय नमः
१३ संयमशीलगुणधराय श्रीआचार्याय नमः
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