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________________ [१६] (४५) अणुओगदाराई फफफफफफफफफफफफ अणादिपारिणामिए ? २ धम्मत्थिकाए अधम्मत्थिकाए आगासत्थिकाए जीवत्थिकाए पोग्गलत्थिकाए अन्द्रसमए लोए अलोए भवसिद्धिया अभवसिद्धिया । से तं अणादिपारिणामिए । से तं पारिणामिए । २५१. से किं तं सण्णिवाइए ? २एतेसिं चेव उदइय- उवसमिय-खइय-खओवसमिय-पारिणामियाणं भावाणं दुयसंजोएणं तियसंजोएणं चउक्कसंजोएणं पंचगसंजोएणं जे निप्पज्जेति सव्वे से सन्निवाइए नामे । तत्थ णं दस दुगसंजोगा. दस तिगसंजोगा, पंच चउक्कसंजोगा, एक्के पंचगसंजोगे । २५२. तत्थ णं जे ते दस दुगसंजोगा ते णं इमे अत्थे णामे उदइए उवसमनिप्पणं १ अत्थि णामे उदइए खयनिप्पण्णे २ अत्थि णामे उदइए खओवसमनिप्पण्णे ३ अत्थि णामे उदइए पारिणामियनिप्पण्णे ४ अत्थि णामे उवसमिए खयनिप्पण्णे ५ अत्थि णामे उवसमिए खओवसमनिप्पन्ने ६ अत्थि णामे उवसमिए पारिणामियनिप्पन्ने ७ अत्थि णामे खइए खओवसमनिप्पन्ने ८ अत्थि णामे खइए पारिणामियनिप्पन्ने ९ अत्थि णामे खयोवसमिए पारिणामियनिप्पन्ने १० । २५३. कतरे से नामे उदइए उवसमनिप्पन्ने ? उदए त्ति मणूसे उवसंता कसाया, एस णं से णामे उदइए उवसमनिप्पन्ने १ । कतरे से नामे उदइए खयनिप्पन्ने ? उदए त्ति मणूसे खतियं सम्मत्तं, एस णं से नामे उदइए खयनिप्पन्ने २ । कतरे से णामे उदइए खयोवसमनिप्पन्ने ? उदए त्ति मणूसे खयोवसमियाइं इंदियाई, एस णं से णामे उदइए खयोवसमनिप्पन्ने ३ । कतरे से णामे उदइए पारिणामियनिप्पन्ने ? उदए त्ति मणूसे पारिणामिए जीवे, एस णं से णामे उदइए पारिणामियनिप्फन्ने ४ । कयरे से णामे उवसमिए खयनिप्पन्ने ? उवसंता कसाया खइयं सम्मत्तं, एस णं से णामे उवसमिए खयनिप्पन्ने ५ । कयरे से णामे उवसमिए खओवसमनिप्पण्णे ? उवसंता कसाया खओवसमियाई इंदियाई, एस णं से णामे उवसमिए खओवसमनिप्पन्ने ६ । कयरे से णामे उवसमिए पारिणामियनिप्पन्ने ? उवसंता कसाया पारिणामिए जी, एस सेणा उवसमिए पारिणामियनिप्पन्ने ७ । कतरे से णामे खइए खओवसमियनिप्पन्ने ? खइयं सम्मत्तं खयोवसमियाइं इंदियाई, एस णं से णामे खइए खयोवसमनिप्पन्ने ८ । कतरे से णामे खइए पारिणामियनिप्पन्ने ? खइयं सम्मत्तं पारिणामिए जीवे, एस णं से णामे खइए पारिणामियनिप्पन्ने ९ । कतरे से णामे खयोवसमिए पारिणामियनिप्पन्ने ? खयोवसमियाइं इंदियाई पारिणामिए जीवे, एस णं से णामे खयोवसमिए पारिणामियनिप्पने १० । २५४. तत्थ णं जे ते दस तिगसंजोगा तेणं इमे - अत्थि णामे उदइए उवसमिए खयनिप्पन्ने १, अत्थि णामे उदइए उवसमिए खओवसमनिप्पन्न २, अत्थि णामे उदइए उवसमिए पारिणामियनिप्पन्ने ३, अत्थि णामे उदइए खइए खओवसमनिप्पन्ने ४, अत्थि णामे उदयिए खइए पारिणामियनिप्पन्ने ५, अत्थि णामे उदइए खयोवसमिए पारिणामियनिप्पन्ने ६, अत्थि णा उवसमिए खइए खओवसमनिप्पन्ने ७, अत्थि णामे उवसमिए खइए पारिणामियनिप्पन्ने ८, अत्थि णामे उवसमिए खओवसमिए पारिणामियनिप्पन्ने ९, अत्थि मे खइए खओवसमिए पारिणामियनिप्पन्ने १० । २५५. कतरे से णामे उदइए उवसमिए खयनिप्पन्ने ? उदए त्ति मणूसे उवसंता कसाया खइयं सम्मत्तं, एस णं से उद उवसमिए खयनिप्पन्ने १ । कतरे से णामे उदइए उवसमिए खयोवसमियनिप्पन्ने ? उदए त्ति मणूसे उवसंता कसाया खयोवसमियाई इंदियाई, एस णं से णामे उदइए उवसमिए खओवसमनिप्पन्ने २ । कयरे से णामे उदइए उवसमिए पारिणामियनिप्पन्ने ? उदए त्ति मणूसे उवसंता कसाया पारिणामिए जीवे, एस णं से णा उदइए उवसमिए पारिणामियनिप्पन्ने ३ । कयरे से णामे उदइए खइए खओवसमनिप्पन्ने ? उदए त्ति मणूसे खइयं सम्मत्तं खओवसमियाई इंदियाई, एस णं से उद खइए खओवसमन्निप्पन्ने ४ । कतरे से णामे उदइए खइए पारिणामियनिप्पन्ने ? उदए त्ति मणूसे खइयं सम्मत्तं पारिणामिए जीवे, एस णं से नामे उदइए खइए पारिणामियनिप्पन्ने ५ । कतरे से णामे उदइए खओवसमिए पारिणामियनिप्पन्ने ? उदए त्ति मणूसे खयोवसमियाई इंदियाई पारिणामिए जवि, एस णं से णामे उदइए खओवसमिए पारिणामियनिप्पन्ने ६ । कतरे से णामे उवसमिए खइए खओवसमन्निप्पन्ने ? उवसंता कसाया खइयं सम्मत्तं खओवसमियाइं इंदियाई, एस णं से णामे उवसमिए खइए खओवसमनिप्पन्ने ७ । कतरे से णामे उवसमिए खइए पारिणामियनिप्पन्ने ? उवसंता कसाया खइयं सम्मत्तं पारिणामिए जीवे, एस णं से णामे उवसमिए खइए पारिणामियनिप्पन्ने ८ । कतरे से णामे उवसमिए खओवसमिए पारिणामियनिप्पन्ने ? उवसंता कसाया खओवसमियाई इंदियाई पारिणामिए जीवे, एस णं से णामे उवसमिए खओवसमिए पारिणामियनिप्पन्ने ९ । कतरे से णामे खइए खओवसमिए पारिणामियनिप्पन्ने ? खइयं सम्मत्तं खओवसमियाई O श्री आगमगुणमंजूषा - १७१७ 9152 0.1 0 0.5 1954 1945 1946 1945 1944 1945 19
SR No.003283
Book TitleAgam 45 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Shwetambar Agam Guna Manjusha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGunsagarsuri
PublisherJina Goyam Guna Sarvoday Trust Mumbai
Publication Year1999
Total Pages51
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_anuyogdwar
File Size5 MB
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