________________
( ५४ )
राज, सुन्दर
माणिक्यचन्द्र
दानचन्द्र
स्तोत्र कल्याण मंदिर दीपिका कथा ज्ञान पञ्चमी कथा (वरदत्त
गुणमंजरी कथा) १७०० आगमिक जीवाजीवाभिगम सूत्र पर टीक
पद्मसागर
देवसागर गणि
गुण विजय
कार
नयकुञ्जर घन विजय वादिचन्द्र सुरि
१६४८ के करीब (प्रभाचन्द्र के शिष्य
आगमिक प्रवचनसार सुभाषित आभाणशतक १६१६ काव्य पवनदूत
चरित्र विजय गणि भाव विजय
चतुर्दशी-पाक्षिक विचार १६८४ पार्श्व स्तुति (जिसमें प्रत्येक चौथा चरण भक्तामरके श्लोकों का प्रथम चरण है।) अभिधान चिन्तामणि पर व्युत्पत्ति रत्नाकर टीका १६८६ विजय प्रशस्तिका शेष भाग पूरा किया और पूरे काव्य पर विजय दीपिका टोका लिखी
१६८८ आगमिक कल्पकल्पलता टाका आगमिक उत्तराध्ययन टीका १६८१ दार्शनिक पत्रिंशत् जल्प विचार चरित्र चम्पक माला चरित्र काव्य मेघदूत पर टीका १६१३ , रघुवंश पर टीका, कुमार संभव
पर टीका व्याकरण वाक्य प्रकाश सावरि कथारूप
में १६१४ आगमिक कल्पसूत्र सुबोधिका १६१६
लोक प्रकाश बार्शनिक नयकणिका, षट्त्रिंशत्जल्पसंक्षेप व्याकरण हेमलघु प्रक्रिया सटीक १७१०
काव्य इन्दूत तुति स्तोत्र शान्ति सुधारस, अहन्नमस्कार
स्तोत्र
जिनसहस्र नाम आयमिक षडावश्यक सूत्र पर व्याख्या
१६१७
विक्रम (सांगण के पुत्र) भट्टारक शुभ चन्द्र
महिमसिंह गणि श्रीविजय गणि
जिन विजय
विनय विजय उपाध्याय
चरित्रा यशोधर चरित्र १६५७ पुराण पार्श्वपुराण १६४० प्रकीर्णक ज्ञानसूर्योद चरित्र नेमिदूत-नेम चरित्र
अंगपन्नति (प्राकृत) पार्शनिक तत्वनिर्णय,स्वरूप संबोधन टीका,
षड्वाद ज्याकरण चिन्तामणि व्याकरण (प्राकृत) नागमिक स्वामि कार्तिकेयानुप्रेक्षाटीका १६१३
नित्य महोद्योत (आशाघर) टीका पार्श्वनाथ काव्य (वादिराज)
पंजिका टीका कथा-चरिश चन्द्रप्रभ-पद्मनाभ-जीवंधर चरित्र
चंदना कथा, नंदीश्वर कथा,
करकंडु चरित्र १६११ पुराण पांडव पुराण १६०८ स्तुति-स्तोत्र त्रिंशत् चतुर्विशति पूजापाठ,
सिद्धचक्रवतपूजा, सरस्वती पूजा, चिन्तामणि यंत्र पूजा, कर्मदहन विधान
द्वितरुचि
Jain Education Internation
For Private & Personale Only