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३ सत्कार (वस्त्रालंकारादि से)
२ पूजन (पुष्पादिसे)
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१ वंदन
४ सन्मान (स्तुति आदि से)
५ बोधिलाभ
आरहतचइयाण मानिस
६ निरुपसर्ग (मोक्ष)
श्रद्धा
मधाशद्धशास्त्रग्रहण धति दःखविन्वागत धारणा चित्तोपयोगदहता जीवादितच्च प्रतीति से के आकर कौशल्य से मनःसनाधिरुप धैर्य से अविस्मरण से
अनुप्रेक्षा वार्थानुचिंतन से
श्रद्धा से, शरम-बलात्कार से नहीं
मेधा से. जडता से नहीं
धृति से, रागद्वेषादि-व्याकुलता से नहीं
धारणा से, चित्त की शून्यतासे नहीं
अनुप्रेक्षा से, तत्त्वार्थचिंतन के बिना नहीं
जलशोधकमणिवत् औषध के समान विन्तामणि-समान जिनोक्त मोतीमाला में परोये मोतीबत आगरन से कर्ममलशोधक अग्निसन वित्तमालिन्यशोधक वितरोगनाशक सम्राकार चितरोगनाशक सम्यक्शासा के धर्म की प्राप्ति से दुःख चिन्तनपदार्थों
अनुप्रेक्षा से अनुभूत SIG I ational ग्रहण-आदर-काशल्य नाविन्तामुक्ति
का दृढ संकलनधारणा
(अर्थाभ्यासविशेष-परम संवेगदरता अधिकाधिक संपत्ताकर्मनाशकेतलजाब