SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 7
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ की परम आवश्यकता थी। हिन्दी राष्ट्रभाषा है और हिन्दी - भाषी राज्यों में श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैनों की संख्या काफी है। वहां के युवकों को भी पुस्तक का लाभ प्राप्त हो, इस उद्देश्य से अब यह हिन्दी संस्करण प्रकाशित किया जा रहा है । इस पुस्तक का हिन्दी अनुवाद अवकाश-प्राप्त प्रोफेसर पृथ्वीराजजी जैन ने किया है । परमपूज्य आचार्यश्री जयसुन्दरसूरीश्वरजी महाराज एवं परमपूज्य पन्यास श्री पद्यसेन विजयजी गणिवर महाराज का मार्गदर्शन भी वंदनीय है । पूज्य पन्यासश्री भुवनसुंदर विजयजी महाराज ने कुछ नये स्तवनादि जोडने में और प्रुफ जाँचने में सहयोग दिया। हम उनके श्रम और योगदान के प्रति हार्दिक आभार प्रगट करते हैं। लि. दिव्य दर्शन ट्रस्ट कुमारपाल वि. शाह धोलका, जिला - अहमदाबाद (गुजरात) वि.सं.2060 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003232
Book TitleAradhana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhuvanbhanusuri
PublisherDivya Darshan Trust
Publication Year
Total Pages168
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy