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________________ || उचियपवत्तगे सिया ।। এনেলে विचारो... १. दुःख आने पर रोना नहीं। २. सुख आने पर हंसना नहीं। ३. आत्म-प्रशंसा करना नहीं। ४. दूसरों की निन्दा करना नहीं। ५. मान सत्कार से फूलना नहीं। ६. अपमान-तिरस्कार से घबराना नहीं। ७. किसी का सुख देखकर हृदय में जलना नहीं। ८. किसी का दुःख देखकर हंसना नहीं। ९. सुख में राग और दुःख में द्वेष करना नहीं। १०. किसी की गुप्त बात प्रकट करना नहीं। ११. किसी की माता, पुत्री, बहन की तरफ कुदृष्टि डालना नहीं। १२. मांस, मछली, अंडा और शराब का सेवन प्राणान्त की नौबत आने पर भी करना नहीं। १३. सबके साथ प्रेम पूर्ण व्यवहार करना। १४. दीन-दुःखी को देखकर दया करना। १५. किसी का तिरस्कार मत करो। १६. सबके साथ मिल-जुल कर रहो। १७. तुम्हारा बुरा करने वाले के साथ भी भलाई करो। १८. सदा सत्य के पक्ष में रहो। 49 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003223
Book TitleEnjoy Jainism
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKalyanbodhisuri
PublisherK P Sanghvi Group
Publication Year2011
Total Pages68
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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