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तप करो
तप शील का परम मित्र है। तप करने से शील का ठीक ठीक रक्षण होता है। तप तन, मन और आत्मा के रोगों की परम औषधि है। तप को भुला देने से आज रोगों का भयंकर प्रकोप हो रहा है।
तप को भुला देने से आज विषय वासनाएं उद्दाम बनी हैं।
तप को भुला देने से आज मनुष्य जिह्वालोलुप बन गया है। तप को भुला देने से आज मनुष्य ने अभक्ष्य का भान भी गंवा दिया है।
तप से पापों और वासनाओं का शोषण होता है। तप से चित्त स्वस्थ, स्वच्छ और शांत बनता है। तप से योग और ध्यान-साधना सरल बनती हैं।
तप भवसागर तैरने का जहाज है। तप करने वाले के लिये स्वर्ग और मोक्ष दूर नहीं।
तप से देव भी दास बन ते हैं। तप से सब इच्छाएं पूरी होती है।
तप से कुछ भी अशक्य नहीं है। तप करने से मानव-देह सार्थक होती है।
तप शीलयुक्त होकर करना श्रेष्ठ है। 30, lle is beautiful,
।। सर्वं हि तपसा साध्यम् ।।
अतः प्रतिदिन विवेकपूर्वक थोड़ा भी तप करते रहो।
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