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।। जावज्जीवं सुसाहुणो गुरुणे ।।
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मेरे गुरू महाराज
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मेरे गुरू महाराज संसार के त्यागी हैं। मेरे गुरू महाराज कोई भी पाप नहीं करते हैं। मेरे गुरू महाराज पैसा नहीं रखते हैं। मेरे गुरू महाराज स्त्री को नहीं छूते हैं। मेरे गुरू महाराज पांच महाव्रतों का पालन करते हैं। मेरे गुरू महाराज रेलगाड़ी, मोटर आदि में नहीं बैठते हैं। मेरे गुरू महाराज चारपाई एवं गद्दी पर कभी नहीं सोते हैं। मेरे गुरू महाराज सिर के बाल स्वयं उखाड़ते हैं। मेरे गुरू महाराज को किसी प्रकार के बीड़ी, गांजा आदिका व्यसन नहीं होता है। मेरे गुरू महाराज सारा दिन ज्ञान, ध्यान, धर्म क्रिया, गुरु सेवा, परमात्म-जाप आदि में बिताते हैं। मेरे गुरू महाराज लोगों को धर्म का उपदेश देते हैं। मेरे गुरू महाराज गोचरी (भिक्षाचरी) से निर्वाह करते हैं। मेरे गुरू महाराज रात को कुछ भी नहीं खाते-पीते हैं। मेरे गुरू महाराज को प्रतिदिन वंदन, सेवा भक्ति करने से सच्चा ज्ञान मिलता है।
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