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प्यास से व्याकुल एक कौआ इधर-उधर भटक रहा था। सहसा एक झोंपड़ी के निकट उसने पानी से आधा भरा मटका देखा । चोंच इतनी गहराई तक पहुँच नहीं सकती थी और मटका तोड़ने से जो थोड़ा सा पानी था, वह भी बह जाने की आशंका थी। अंत में उसे एक उपाय सूझा। उसने थोड़े से कंकर इकट्ठे किए। फिर एक के बाद एक मटके के भीतर डालने लगा। थोड़ी ही देर में पानी ऊपर आ गया। चोंच बढ़ाकर कौए ने अपनी प्यास बुझाई।
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शांति से सोचे तो हर समस्या का समाधान हमारे पास ही है।
अक्लमंद कौआ
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