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माँ सरस्वती वरदानी
कविः प० कमला प्रसाद मिश्रा
प्रखर बुद्धि को देने वाली, अमर ज्ञान को देने वाली
करूणा हृदय को देनेवाली, माता तू है जग कल्याणी
ऐसी कृपा करो माँ हम पर सत्य मार्ग पर चलें हो तत्पर
अथक साधना करते जाये स्वर से स्वर को मिलाते जायें
बन जायें हम ज्ञानी माता तू है जग कल्याणी
पथ में संकट यदि जो आयें आगे हम बढ़ते जायें गीत वन्दना के हम तेरे मुख से सदा ही गाते जायें
बने न हम अभिमानी माता तू है जग कल्याणी
मैं बालक हूँ माता तेरा
तव चरणों में डेरा मेरा ऐसी शक्ति भरो तुम मुझ में जैसी है वीणा के स्वर में
तुम सा और न दानी माता तू है जग कल्याणी
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