SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 85
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ हे मेरी माता सरस्वती, तुझको नमन कविः प० कमला प्रसाद मिश्रा हे मेरी माता सरस्वती, तुझको नमन तुझको नमन तुझको नमन तुझको नमन तुझको नमन हे मेरी माता. हँस का वाहन, प्यारा तेरा हँस का....... वीणा का वादन, न्यारा तेरा वीणा का. श्वेत कमल तेरा आसन तेरा आसन तेरा आसन विद्या की देवी तू है माता विद्या की... गीत संगीत की तू है विधाता गीत संगीत.. वन्दन करूँ मैं तेरे चरण तेरे चरण तेरे चरण रे तेरी कृपा से हम आगे बढ़ते तेरी कृपा तेरी दया से हम सब कुछ पाते तेरी दया. सब कुछ तज आई तेरी शरण तेरी शरण तेरी शरण रे * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * संगीत ही सौन्दर्य का साकार और सजीव स्वरूप है। ----रवीन्द्रनाथ टैगोर 81 Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003213
Book TitleShardanjali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnima A Desai
PublisherShikshayatan Cultural Center, Newyork USA
Publication Year2007
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy