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सद्बुद्धि एवं सुवाणी से सरलता, सुसंस्कार और सौम्यता की प्राप्ति
शुश्रूषा, श्रवण, ग्रहण धारणा विज्ञानाहापोहतत्वा
भिविनेशा बुद्धि गुणा: ।। सुनने की इच्छा रखना, सुनना, समझना, अच्छे और बुरे का विभाग करना, अच्छे को धारण करना, परिणाम का विचार करना,और अच्छे
वाले कर्म में लगना ये सबुद्धि के लक्षण हैं। THAT WHICH BEARS THE FOLLOWING 8 QUALITIES IS CALLED
"SADBUDDHI: - 1. DESIRE TO LISTEN, 2. LISTENING, 3. UNDERSTANDING, 4&5. ANALIZING THE GOOD AND BAD OF IT, 6. RETAINING GOOD, 7. TO THINK OF CONSEQUENCES, 8. TO
ACT IN THE RIGHT DIRECTION.
जिह्वायतौ वृद्धि विनाशो ।।
अपनी उन्नति या अवनति वाणि के अधीन है। SUCCESS OR FAILURE IN LIFE DEPENDS UPON ONE'S WAY OF
SPEAKING.
विषमृत तयोराकारी ।।
वाणी ही विष व वाणी ही अमृत की खान है। SPEECH (TONGUE) CAN BE THE SOURCE OF NECTOR OR POISON AS
WELL.
स्वर्ग नयतिसन्नृतम् ।। मीठी वाणी व सच्ची वाणी मनुष्य को स्वर्ग ले जाती है। TRUTH AND GENTLE SPEECH TAKE MAN TO HEAVAN.
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