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________________ सिद्धाचलम पोस्ट बाक्स : 374 ब्लेयर्सटाऊन प्रिय बहन पूर्णिमाबेन देसाई, शुभाशीर्वाद । न्यूजसी मुझे यह जानकर अत्यन्त आनन्द हुआ कि मेरी छोटी बहन अपनी शिक्षायतन संस्था द्वारा अक्तूबर 24, 1989 "अभ्युदय" नामक पत्रिका का प्रकाशन कर रही शुभकामना संदेश पाश्चात्य देशों के कैमव के उच्चतम शिखर पर आरूढ़ अमेरिका जैसे अंग्रेजी प्रधान देश में भारत की राष्ट्रभाषा हिंदी देवनागरी लिपि में पत्रिका का प्रकाशन भारतीय संस्कृति के लिए अभ्युदयकारक और भारत जैसे महान देश के लिए गौरव का विषय पूर्णिमाबेन देसाई को मैंने अपनी छोटी बहन माना है । अतः उनके प्रत्येक सद्कार्य की सफलता की मैं कामना करता हूं । "शिक्षायतन" दारा बालकों एवं बालिकाओं को सुसंस्कार प्राप्त होते है । मैं परमात्मा से प्रार्थना करता हूं कि वह "शिक्षायतन" परिवार को प्रगति के पथ पर अग्रसर रख कर चिरंजीवी संस्था के रूप में सफल करे । शुभाकांक्षी, हमें गर्व है कि भारतीय केवल व्यापार या पैसा बटोरने के लिए ही इस देश में नहीं आए, वरन् वे भारतीय संस्कृति के लिए सच्चे राजदूत बन कर भारतीय वांगमय का सौरभ फैलाने का बीड़ा उठाए हुए हैं । इस कार्य को मूर्त रूप देने वाली, "अभ्युदय" की प्रकाशक तथा मुख्य संपादक श्रीमती पूर्णिमा देसाई के साथ मेरी शुभकामनाएं हैं । साथ ही उनकी सहायता कर रहे पत्रकार अशोक ओझा को भी मेरा आशीर्वाद । स्वामी विश्व हितैषी 25 अक्तूबर, 1989 मेरी कामना है कि आप अपने लक्ष्य को पाने में सफल हों तथा राष्ट्र की गौरव गरिमा को उच्चतम शिखर पर लाने में समर्श हों । मंगल कामनाओं के साथ, इआचार्य सुशील कुमार Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003213
Book TitleShardanjali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnima A Desai
PublisherShikshayatan Cultural Center, Newyork USA
Publication Year2007
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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