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________________ शिक्षायतन के उद्देश्य विदेश में रहते हुए बच्चों की अनेक समस्याओं को समझ कर उनका समाधान करना और उनका सही मार्ग दर्शन करना । छोटी आयु के बालक और बालिकाओं के लिये विश्वसनीय बाल केन्द्र जिसमें भारतीय भाषा, संगीत एवं नृत्य का ज्ञान प्राप्त हो । आर्थिक लाभ को दृष्टि में रखते हुए महिलाओं के लिये समान सेवा के अवसर । सभी प्रकार के संगठनो और संस्थाओं की यगोषित सहानता । शिक्षायतन सभी धर्म, बंग एवं जाति के सिद्धांतों का समादर करता है। महिलाओं के लिये विभिन्न कोर्स:- कला, हस्तकला, मेंहदी, रंगोली, पाक-कला, सिलाई, कटाई, बुनाई, गुडिया बनाना, क्रोशिया आदि । तेल चित्र, सौंन्दर्य तथा केश विन्यास शिवयोग किया इत्यादि महिलाओं और महिलाओं के लिये भवन कीर्तन का प्रबन्ध । वृद्ध पुरुषों के लिये महीने में कि मनोरंजन । समय समय पर धार्मिक तथा किसापूर्व कार्यक्रमों का आयोजना अभ्युदय पत्रिका बातकों के साथ साथ श्रेष्ठ साहित्कारों, विद्वानों, कलाकारों, कवियों, गायकों, सभी धर्मवियों एवं वैज्ञानिकों को अपनी रचनाओं के प्रकाशन का अवसर प्रदान करती हैं। 'अभ्युदय' पत्रिका- बच्चों के लेखो को ना देने के लिए विशेष प्रकाशन । पत्रिका का मुख्य उदेश्य छोटी आयु के बालक बालिकाओं को हिन्दी भाषा में पढ़ने लिखने और बोलने की क्षमता का विकास करना है साथ ही सुरुचिपूर्ण सामग्री का उपयोग करते हुए भारतीय सभ्यता और इतिहास के प्रति रुचि पैदा करना । उत्तम गुणवानों की योग्यता को प्रोत्साहन देना, और शिकापूर्ण कार्यक्रमों का आयोजन . . वार्षिक उत्सव मनाने की योजना और विभिन्न प्रतिपर्यायों का आयोजन। केवल शिक्षापूर्ण कार्यक्रमों को प्रोत्साहन देना ही हमारा उद्देश्य 11 संगीत विभाग कार्यरत है और विधार्थियों में संगीत के प्रति प्रे और लगन पैदा करना हमारा उद्देश्य है। हमें अपने संगीत शिक्षकों की कला पर गर्व है । -*-* Jain Education International नृत्य विभाग कार्यरत है। भारतीय सभी नृत्य शैलियों का शिक्षण दिया जाता है। ● भाषाविभाग बालक बालिकाओं के लिए उत्तम कोटि की विभिन्न भाषाओं की शिक्षा का प्रबन्ध भी है। विशेष रूप से हिन्दी भाषा विभाग सक्रिय है। भारत की राष्ट्रभाषा हिन्दी का उत्थान हमारा लक्ष्य है। शितायतन का अपना पुस्तकालय भी है। उच्चकोटि का साहित्य, बाल साहित्य धर्म संबंधी ग्रंथ, शब्दकोश आदि सभी सांस्कृतिक एवं शैनिक पुस्तकें विशेषरूप से उपलब्ध है। संस्कृत भाषा विभाग बनाने की योजना । संगीत के उच्च कोटि (सन्तों की वाणी) के कैंसों का प्रकाशन । बच्चों के लिये बाल गीत एवं शैक्षणिक कैंसों का प्रकाशन । बालोपयोगी कहानियाँ, भवन, गीत, काव्य, श्लोक आदि साहित्य का प्रकाशन ! ● यातनाटिका में ढाई से पांच वर्ष के बच्चों को दैनिक जीवन में उपयोगी हिन्दी बोलना अच्छी आदतें, छोटी छोटी कविताएं प्रार्थनाएं, कहानियाँ सुनाने योग्य बनाया जायेगा। यह हमारी विशेष का होगी वहीं की व्यवस्था बच्चों के आराम और उनको आकर्षित रखते हुए की जायेगी । माता पिता से परामर्श ले कर और बच्चों की योग्यता को ध्यान में रखते हुए ही उनका ''चुना जायेगा। परीक्षा प्रणाली भी कमान्चित की जायेगी। परीक्षा के बाद प्रत्येक बालकको भारतीय संस्था द्वारा जारी किया गया प्रमाण का प्राप्त होगा। ● संस्था के सभी शिक्षक गुणी एवं अनुभवी है और हमें उनकी दाता पर गर्म है। ● सभी कर्मचारियों के व्यक्तित्व आपसी व्यवहार सेवा भाव पर हमें गर्व है। ● शिक्षा का इतना बड़ा कदम श्री अशोक देसाई जी की प्रेरणा और उत्साह की देन है। समय समय पर उनका अनुभवी परामर्श मेला करता था है और करता रहेगा । ● शिकायत प्रचार की क्षमता रखता है हमें विश्वास है कि हम भारत की विशिष्टताओं को जीवित संगि ● अपने सभी मित्रों और बंधुओं के योगदान पर हमें गर्व हैं। हमारी एकता के कारण ही हम सब इस संस्था से समान्नित होंगे। ● पर की असीम अनुया से यदि हमारी योजना सफल हुई सो हम अवश्य की पूर्ति को प्राप्त होगी। 9 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003213
Book TitleShardanjali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnima A Desai
PublisherShikshayatan Cultural Center, Newyork USA
Publication Year2007
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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