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श्री सरस्वतीजी की आरती
जय सरस्वती माता, जय सरस्वती माता। विद्या बुद्धि प्रदायक, तुम हो सुखदाता।।
जय सरस्वती माता ....|
कुन्द इन्दु सम शोभा तन की ज्योति झरे। जो सेवक बनि आए, सब भंडार भरे।।
जय सरस्वती माता ....।
वीणा दण्ड कमण्डलु माला कर सोहै। हंसवाहिनी देवी, त्रिभूवन मन मोहे ।।
जय सरस्वती माता ....।
श्वेत स्वरूपा सुन्दरि, श्वेतवस्त्र धारी। श्वेत पद्म पर बैठी, सबको सुखकारी।।
जय सरस्वती माता ....|
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, इन्द्र आदि देवा। सनकादिक और नारद, सदा करें सेवा।।
जय सरस्वती माता ....|
तुम प्रताप सों माता, मूढ भये ज्ञानी। निज दासन पर करती, करूणा कल्याणी।।
जय सरस्वती माता ....।
त्रिभुवन यश विस्तार्यो, गुण गावे देवा। सुर नर मुनि सब निशदिन, करें विविध सेवा।।
जय सरस्वती माता ....!
मातेश्वरी की आरती, जो कोई नर गावे । परम ज्ञान सो पावे, जग यश फैलावे ।। जय सरस्वती माता ....!
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