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परिशिष्ट (घ)
( इस मुहरमें काजी अब्दुलसमीका नाम है।)
नकल मुताबिक असलके है।
मुहर
( इस मुहरमें काज़ी खानमुहम्मदका नाम है। दूसरे अक्षर पढ़े नहीं जाते।
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१ यह 'मियाँकाल' नामके पहाड़ी प्रदेशका रहनेवाला था। यह प्रदेश समरकंद और बुखाराके बीचमें है। बदाउनी कहता है कि यह धनके लिए शतरंज खेलता था । शराब भी बहुत पीता था । हि० सं० ९९० में अकबरने उसे काजी जलालुद्दीन मुल्तानीके स्थानमें काजिल्कुजात बनाया था । देखो,-आइन-ई-अकबरीके प्रथम भागका अंग्रेजी अनुवाद पृ. ५४५,
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