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नवयुग निर्माता
औषध अनेक जरि मंत्र तंत्र लाख करी होत न बचाव घरि एक कहु प्रानको, सार मार करी छार रूप रस धरे परे यम निशदिन खरे हरे मानी मानको। वाल लाल माल नाल थाल पाल भाल साल ढाल जाल डाल चले छोर थानको, श्रातम अजर कार सिंचत अमृत धार अमर अमर नाम लेत भगवानको ।।२२।। अंध ज्ञान द्रगरित मानत अहित चित ग(ग)नत अधम रीत रूप निज हार रे, अरव अनंत अंश ज्ञान चिन तेरो हंस केवत अखंड वंस बाके कर्म भार रे । चुरा नुरा लुरा सुरा श्यामा श्वेत रूप भूरा अमर नरक कुरा नर हे न नार रे, सत चित निराबाध रूप रंग विना लाध पूरण अखंड भाग आतम संभार रे॥२३।
अधिक अज्ञान करी पामर स्वरूप धरी मांगे भीख घरि घरि नाना दुःख लहीये, गरे घरि रिध खरि करमत विज जरी मुल विन ज्ञान दिन हीन रहाय। गुरु विभु बेन ऐन सुनत परत चेन करत जतन जैन फेन सब दहिये, करमकलंक नासे प्रातम विमल भासे खोल द्रग देख लाल तोपे सर्व(ब) कहिये ॥२४॥ काची काया मायाके भरोसो भमीयो तु बहु नाना दुःख पाया काया जात तोह छोरके, सास खास सुल हुल नीर भरे पेट फुल कोढ मोढ राज खाज जुरा तुर छोरके। मुरछा भरम रोग सदल डहल सोग मुत ने पुरीस रोक होक सहे जोरके, इत्यादि अनेक खरी काया संग पीड परी सुन्दर मसान जरी परी प्यार तोरके ॥२५॥ खेती करे चिदानंद अघ बीज बोत वृन्द रसहे शीगार श्राद लाठी रूप लइ हे, राग द्वेष तुव घोर कसाय बलद जोर शिरथी मिथ्यात भोर गर्दभी लगइ हे। तो होय प्रमाद आयु चक्रकार कार घटी लायु शिर प्रति प्रष्ट हारा कर खइ हे, नाना अवतार कलार चिदानंद वार धार इत उत प्रेरकार आतमकुदइ हे ।।२६।। गेरके विभाष दूर असि चार लाख नूर एहि द्रव्य वंजन प्रजाय नाम लयो हे, मति आदि ज्ञान चार व्यंजन विभाव गुन परजाय नाम सुन शुद्ध ज्ञान टर्यो हे। चरम शरीर पुन आतम किंचित न्यून व्यंजन सुभाव द्रव्य परजाय धर्यो हे, चार हि व्यंजन सुभाव गुन शुद्ध परजाय थाय धाय मोक्ष वो हे ॥२७॥ घरि घरि आउ घटे घरि काल मान घटे रूप रंग तान हटे मूढ कैसें सोइये ?. जीया तु तो जाने मेरो मात तात सुत चेरो तामे कौन प्यारो तेरो पान कि गोइये। चाहत करण सुख पावत अनंत दुःख धरम विमुख रूख फेर चित रोइये, आतम विचार कर करतो धरम वर जनम पदारथ अकारथ न खोइये ॥२८॥ नरको जनम वार वार न विचार कर रिदे शुद्ध ज्ञान धर परहर कामको, पदम बदन घन पद मन अठ भन कनक वरन तन मनमथ वामको। हरि हर भ्रम(ब्रह्म)वर अमर सरव भर मन मद पर छर धरे चित भामको, शील फिल चरे जंबु जारके मदनतंबु निरारंग अंगकंबु आतम पारामको ॥२ .
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