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________________ ( १३७ ) पश्चिमी वैज्ञानिक यह पूरी तरह से सिद्ध कर चुके हैं कि अंडों में जीव होता है और इनके सेवन से दिल की बीमारी, उच्च रक्त चाप, गुर्दों की बीमारी, पित्त की थैली में पथरी आदि अनेक रोग पैदा हो जाते हैं । कतिपय वैज्ञानिकों की राय : A १. अंडों से दिल की बीमारी - वैज्ञानिक परीक्षणों द्वारा यह सिद्ध हो गया है कि एक अंडे में लगभग ४ ग्रेन कोलेस्टरोल नामक भयानक तत्व पाया गया है । कोलेस्टरोल की इतनी अधिक मात्रा के कारण अंडे - दिल की बीमारा, हाईब्लड प्रेशर धमनियों में जख्म, गुर्दों की बीमारी, पित्त की थैली में पथरी आदि रोग पैदा करते हैं... — Dr. Robert Gross, Prof. Irving Davidson. -→Dr. Ketherine Nimmo, D. C. R. N, Oceano California (U.S.A.) २. अंडों से पेट में सड़ान - अंडों में कार्बोहाइड्रेट्स - बिल्कुल नहीं होते और कैलशियम भी बहुत कम मात्रा में होता है । अतः इनसे पेट में सड़ान पैदा होती है. -Dr. E. V. Mc. Collum-A great Medical Authority Newer Knowledge of Nutrition - Page 171. ३. अंडों में डी. डी. टी. विष-१८ महीनों के परीक्षण के बाद तीस प्रतिशत अंडों में डी. डी. टी. विष मिला । ... Agriculture Deptt. Florida - America, Health Bulletin, October 1967. ....... ४. अंडों से एग्जिमा और लकवा - अंडे की सफेदी में एवीडिन नामक भयानक तत्व होता है जो एग्जिमा पैदा करता है। जिन जानवरों को अंडे की सफेदी खिलाई गई उनको लकवा मार गया और चमड़ो सूज गई । Dr. R. J. Williyam, England. इनका निष्कर्ष है “सम्भव है अंडा खाने वाले शुरू में अधिक चुस्ती अनुभव करें किन्तु बाद में उन्हें हृदय रोग, एग्जिमा, लकवा जैसे भयानक रोगों का शिकार हो जाना पड़ता है ।" Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003202
Book TitleVibhinna Dharm Shastro me Ahimsa ka Swarup
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNina Jain
PublisherKashiram Saraf Shivpuri
Publication Year1995
Total Pages184
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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