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आशीर्वचन
विश्व के समस्त धर्म अहिंसा सिद्धान्त को स्वीकार करते हैं अहिंसा को धर्मो में जो महत्व मिला है वह यों ही नहीं मिल गया । वास्तव में अहिंसा मानव जीवन की सर्वोत्कृष्ट नीति हैं और कहना चाहिए कि वह अनिवार्य नीति भी है। अहिंसा के सहारे ही मानबजाति का अस्तित्व टिका हुआ है।
प्रस्तुत पुस्तक में विभिन्न धर्म - शास्त्रों के आधार पर लेखिका कु. नीना जैन ने इसी तथ्य को सिद्ध किया है। आज के वातावरण को देखते हुए यह पुस्तक अति उपयोगी है। पुस्तक के प्रचार-प्रसार की शुभकामनाओं के साथ ही ।
आसोज वदीं ग्यारस
जैन उपाश्रय जानीशेरी बड़ौदरा
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विजयेन्द्र दिन्न सूरिका धर्मलाभ
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