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पाप पलट कर आता है
तथागत बुद्ध ने एक बार एक राजपरिषद् को संबोधित करके कहा था
अदुस्स हि यो दुब्भे पाप कम्मं अकुव्वतो, तमेवं पापं फुसति दुचित्त अनादरं ।
__ -इति वुत्तक ३।४० जो राजा या अधिकारी किसी निर्दोष व्यक्ति को दोषी बताकर दण्डित करता है, तो उसका वह पाप कर्म पलटकर उसी दुष्ट चित्त वाले व्यक्ति को पकड़कर खत्म कर डालता है।
वास्तव में दूसरे के लिए खड्डा खोदने वाला स्वयं भी उस खड्ड में जा गिरता है । एक प्रसिद्ध कहावत है
खाड़ खरण जो और को ताहि कूप तैयार ! इसी बात को स्पष्ट करने वाला एक ऐतिहासिक उदाहरण है। फारस देश में उमरूलैस नामक एक बादशाह हो गया है जिसने प्रसिद्ध नगर शीराज का निर्माण
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