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________________ १४ राजा के तीन गुण ईरान के महान् नीतिज्ञ शेखसादी से किसी ने पूछा"राजा में कौन-कौन से गुण होने चाहिए ?" सादी ने उत्तर में एक कहानी सुनाई-बहुत पहले की बात है अजम ( ईरान-तूरान-ईराक क्षेत्र) में एक बादशाह हुआ। वह बड़ा अन्यायी था । प्रजा पर जबर्दस्ती आरोप लगाकर उसका धन-माल छीन लेता और उन पर जोर-जुल्म करता। बादशाह के अत्याचारों से पीड़ित होकर जनता वहाँ से भागने लगी और देश-छोड़-छोड़कर दूसरे देशों में जा बसी। एक बार बादशाह सभा में बैठा महाकवि फिरदौसी का प्रसिद्ध काव्य ग्रंथ शाहनामा सुन रहा था । उसमें ईरान के न्यायी सम्राट फिरदूं की दिग्विजय का वर्णन आया । तब बजीर ने बादशाह से पूछा--"महाराज ! फिरदं के पास न तो धन था, न कोई बड़ा देश था, न कोई खास फौज थी, फिर उसने इतने बड़े-बड़े देशों पर Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003199
Book TitlePratidhwani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1971
Total Pages228
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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