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प्रतिध्वनि
चाप वहाँ से हटकर अन्यत्र चले गए। ___ राजा ने वहीं छाया में विश्राम किया । कमल पत्र पर वह श्लोक पढ़ा तो राजा को बहुत ही सुन्दर लगा। उन्होंने कमल पत्र उठा लिया और उसे सोने के अक्षरों में खुदवाकर अपने शयन कक्ष में टांग दिया।
एक बार महाराज आखेट के लिए बाहर गये । पाँचछः दिन बाद लौटे । रात्रि का समय था, अतः महाराज सीधे अंतःपुर में चले गये। वहाँ महारानी के पास ही एक युवक को सोया देखकर राजा क्रोध में आगबबूला हो गये। दोनों को एक ही तलवार के वार में समाप्त करने के विचार से ज्यों ही तलवार खिची कि ऊपर श्लोक की तरफ राजा की दृष्टि चली गई । क्षणभर राजा के हाथ रुक गए, पलके श्लोक पर जम गई। पढ़ते-पढ़ते राजा का क्रोध कुछ शिथिल पड़ गया। तलवार हाथ से नीचे गिर पड़ी और राजा ने महारानी को जगाया। युवक भी उठा। रानी ने कहा-'बेटा ! अपने पिता के चरण छूओ।' राजा आश्चर्य चकित देखता रहा । रानी ने रहस्य खोलते हुए बताया-'महाराज ! यही है अपना राजकुमार । इसे बचपन में ही एक दासी चुराकर ले गई थी। वर्षों बाद हमारे अनुचर इसे ढूंढकर लाने में सफल हुए हैं।
महाराज ने दूसरे ही दिन श्लोक के रचयिता का पता लगाया। दो-तीन दिन बाद नौकरों ने सूचना दी'महाराज! इस श्लोक के रचयिता का पता तो चल गया,
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