________________
हमारी हार्दिक कामना और भावना है कि इस प्रकार के प्रेरक साहित्य से बालक-बालिकाएं युवक-युवतियाँ, वृद्ध
और वृद्धाएं अपने जीवन निर्माण की पवित्र प्रेरणा व उच्च संस्कार प्राप्त करें। यह तभी संभव है जब इस प्रकार का कहानी साहित्य प्रत्येक साक्षर व्यक्ति के हाथों में पहुँचे, किन्तु हमारा अपना वर्षों का अनुभव है कि समाज जितना अन्य व्यर्थ के कार्यों में अर्थ व्यय करता है उसका शतांश भी अच्छे साहित्य के लिए खर्च नहीं करता। वह मांग कर खाना, पीना और पहनना पसन्द नहीं करता, किन्तु खेद है कि पुस्तके मांग कर पढ़ना पसन्द करता है। जिसके फलस्वरूप जीवन निर्माण की प्रेरणा देने वाला साहित्य जिस रूप में चित्ताकर्षक प्रकाशित होना चाहिए उस रूप में प्रकाशित नहीं हो पाता। अर्थसहयोगियों के उदार सहयोग के अभाव में साहित्य को हम जितना सस्ता देना चाहते हैं उस रूप में भी हम नहीं दे पाते हैं। आज दिन-दूनी रात चौगुनी महंगाई बढ़ रही है, जिसके कारण प्रकाशन बहुत ही मंहगे पड़ने लग गये हैं तथापि साहित्य के प्रचार हेतु हमारा यही प्रयास है कि लागत मूल्य पर ही पुस्तकें दी जाएँ।
हमारी अगली योजना है कि बालकों व महिलाओं के लिए बड़े अक्षरों में रंगीन सचित्र कहानियाँ प्रकाशित करें, यह योजना काफी खर्चीली है, यदि अर्थ सहयोगियों
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
___www.jainelibrary.org