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महानाम बाहर नहीं आये |
विभ और उसके सैनिक चकित हो गए। विभ को निश्चय हो गया मेरे गुरु, नाना ने कपिलवस्तु की रक्षा के लिए अपने प्रारण समर्पित कर दिये हैं ।
बोलते चत्र
आज्ञा पाकर सैनिक तालाब में घुसे महानाम का मृत देह तालाब में जो कीर्तिस्तंभ था उसके साथ उत्तरीय वस्त्र से बंधा हुआ था । वे शव को लेकर बाहर आये । सभी के हृदय की वीणा के तार झनझना उठे - धन्य हैं महामना महानाम, जिन्होंने अपने आपको समर्पित कर नगर की रक्षा की है । हजारों-लाखों के प्राण बचाए !
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