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लेखक की कलम से
जीवन क्या है ? इस प्रश्न पर विश्व के मूर्धन्य मनीषियों ने गंभीर चिन्तन-मनन किया है। उन्होंने विविध परिभाषाएं निर्माण की हैं । जीवन की सैकड़ों परिभाषाएं आज तक बन चुकी हैं और नित्य-नवीन परिभाषाएं बन रही हैं। जीवन एक है, उसको प्रत्येक व्यक्ति अपनी दृष्टि से देखने का प्रयास करता है। जब किसी वस्तु को विभिन्न दृष्टियों से देखने का प्रयास किया जाता है तब वह वस्तु एक होकर भी अनेक हो जाती है ।
वीर की परिभाषा में, जीवन एक साहस है । डरपोक की परिभाषा में जीवन एक रोना है। खिलाड़ी की परिभाषा में जीवन एक खेल है। कवि की परिभाषा में जीवन एक सुन्दर काव्य है। तार्किक की परिभाषा में जीवन एक उलझन है। चिन्तक की परिभाषा में जीवन सुख और दुःख का संमिश्रण है। साहित्यकार की परिभाषा
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