________________
प्रकाशकीय
अपने साहित्यप्रेमी सज्जनों के पाणि-पद्मों में बोलती तसवीरें पुस्तक समर्पित करते हुए हृदय आनन्द से झूम रहा है । विद्वान लेखक ने विश्व के चिन्तकों के वे जीवन प्रसङ्ग प्रदान किये हैं, जो अत्यन्त प्रेरणादायी हैं । जीवन को बदलने में पूर्ण रूप से समर्थ है ।
इस पुस्तक के लेखक हमारे जाने माने और पहचाने हुए प्रसिद्ध साहित्य मनीषी श्री देवेन्द्र मुनिजी हैं जो राजस्थान केसरी अध्यात्मयोगी उपाध्याय पूज्य गुरुदेव श्री पुष्कर मुनि जी के प्रधान अन्तेवासी हैं । जो श्रद्ध ेय सद्गुरुवर्य की पावन सेवा में रहकर निरन्तर साहित्य - साधना करते रहते हैं । जिन्होंने आज तक विपुल साहित्य का सृजन कर सरस्वती के भण्डार को भरा है । प्रस्तुत ग्रन्थ आकार की दृष्टि से लघु होने पर भी हीरे की तरह बहुमूल्य है । जीवन का निर्माण करने के लिए बहुत ही उपयोगी है ।
हमारे अन्य ग्रन्थों की तरह यह ग्रन्थ भी जन-जन के लिए प्रेरणा- पद सिद्ध होगा । परम श्रद्धय सद्गुरुवर्य के दीक्षा स्वर्ण जयन्ती के सुनहरे अवसर पर इस शानदार उपहार को देते हुए हमें अपार आह्लाद हो रहा है ।
मन्त्री - श्री तारक गुरु
जैन ग्रन्थालय
Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org