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: ६६ : बूँद का मूल्य
विश्व के सुप्रसिद्ध धनी राकफेलर ने एक बार स्टैंडर्ड आयल कम्पनी प्रारम्भ की । कम्पनी के प्रारम्भ होने पर राकफेलर तेल साफ करने के कारखानों को देख रहे थे । देखते-देखते उस मशीन के पास रुक गये जो तेल से भरे हुए पीपों के सुराखों को रांगे के टांके से बन्द कर रही थी । उन्होंने देखा पीपे के सुराख पर ढक्कन को फिट करने हेतु उनचालीस बूँदें रांगे का उपयोग किया जा रहा है । राकफेलर ने फोरमैन से पूछा- किसी व्यक्ति ने इस बात को अन्वेषणा की है कि सुराख को बन्द करने के लिए वस्तुतः कितनी बूँदें रांगे की आवश्यकता होती है ।
फोरमैन ने कहा- हमें इस बात का परिज्ञान नहीं । राकफेलर ने शीघ्र ही इस सम्बन्ध में अन्वेषणा
बूद का मुल्य
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