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| मूखों का सूचीपत्र एक सौदागर बढ़िया घोड़े दिल्ली दरबार में लेकर आया। बादशाह अकबर ने उन घोड़ों को बहुत पसन्द किये और वे सभी घोड़े खरीद लिये। और साथ ही उस सौदागर को एक लाख रुपये इसलिए दे दिये कि दूसरे वर्ष वह इसी प्रकार के घोड़े ले आवे ।
सौदागर के चले जाने के कुछ दिन पश्चात् बादशाह ने पूछा-बीरबल ! मेरी एक इच्छा है कि हिन्दुस्तान में जितने बेवकूफ हैं उनकी एक फहरिस्त तैयार की जाय ।
बीरबल-जी हजूर ! यह कार्य आज से ही प्रारंभ कर दिया जायेगा। कुछ ही दिनों में मूखों की सूची तैयार हो गई और वह बादशाह सलामत की सेवा में पेश की गई।
सूची खोलकर बादशाह ने देखा कि सबसे प्रथम उनका ही नाम है जिसे देखते ही बादशाह लाल पीला हो गया और कहा कि यह क्या ! बतलाओ यह तुमने क्यों लिखा ?
बीरबल-जिसे हजूर न जानते हैं और न पहचानते हैं उस सौदागर को एक लाख रुपये दिये तो क्या वह Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org