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कलियुग का बोध
अगल-बगल के कुण्डों का पानी एक-दूसरे में गिर रहा है, पर बीच के कुण्ड में एक बूद भी नहीं गिर रही है वह इस बात का द्योतक है कि कलियुग में मानव अपने सन्निकट के बन्धु-बांधवों को छोड़कर, पत्नी का जो दर का सम्बन्ध है उसका भरण-पोषण करेंगे।
सिर जूते बांधने का अर्थ है कि पुरुष नारियों का गुलाम होगा और उस पर नारियां शासन करेगी।
एक घड़े के द्वारा छह घड़ों का भरना और छह द्वारा एक घड़े की पूर्ति नहीं कर सकेंगे, इसका तात्पर्य कि मातापिता अपने सात-आठ पुत्रों का पोषण करेंगे, किन्तु सभी पुत्र मिलकर भी एक पिता, व माता का पोषण नहीं कर सकेंगे।
युधिष्ठिर ने जिज्ञासा प्रस्तुत की कि आप कौन हैं ?
उसने कहा-मैं कलयुग हूँ ! कलयुग का रेखाचित्र प्रस्तुत दृश्य करने लिए मैंने ये विविध दृश्य प्रस्तुत किये हैं । और वह आगे बढ़ गया।
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