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________________ : २६ : भारतीय संस्कृति स्वामी विवेकानन्द अमेरिका में थे । मध्याह्न का समय था । चिलचिलाती धूप तप रही थी । स्वामीजी उस समय एक कब्रिस्तान के पास से होकर जा रहे थे । उन्होंने देखा कि उस भयंकर गर्मी में एक महिला एक कब्र पर पंखा झल रही है । स्वामीजी ने उसका कारण जानना चाहा तो महिला ने कहा - महात्मन ! मरते समय मेरे पति ने मेरे से यह शपथ दिलवाई थी कि उसकी कब्र जब तक अच्छी तरह सूख न जाये तब तक मैं दूसरा विवाह नहीं करूं । इसलिए मैं कब्र को शीघ्र सुखाने का प्रयास कर रही हूँ, क्योंकि मैं एकाकी जीवन से ऊब गई हूँ । स्वामीजी ने जब यह सुना तो उन्हें अपनी पवित्र भारतीय संस्कृति पर हार्दिक गर्व हुआ कि जहाँ पत्नी केवल त्याग करना ही जानती है । उसमें कितनी निर्मल भावना है । O : ५० : Jain Education Internationalte & Personal Usev@rjainelibrary.org
SR No.003194
Book TitleGagar me Sagar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1979
Total Pages180
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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