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गागर में सागर
वह चोटी से एड़ी तक कांप उठा। उसने अत्यन्त नम्रता से कहा-मैं बहुत ही शीघ्र इसे उठवाकर दूर एकान्त स्थान में फिकवा देता हूँ।
यह है महान व्यक्तित्व की अनूठी विशेषता।
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