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समर्पण
जिनका दिव्य-भव्य ज्ञानदर्शन और चारित्र जन-जन के लिए पथ प्रदर्शक है।
जिनकी अमोघवाणी पतितों का उद्धार करने में पूर्ण समर्थ है।
जो संयम-सत्य शील व प्रज्ञा की साक्षात् प्रतिमा है।
उन्हीं परम श्रद्ध य सद्गुरुवर्य राजस्थानकेसरी अध्यात्मयोगी उपाध्याय श्री पुष्कर मुनिजी जी म० के पवित्र कर कमलों में सश्रद्धा, सविनय सभक्ति समर्पित
-देवेन्द्र मुनि
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