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________________ ३३८ | अप्पा सो परमप्पा और जीवन के अन्तिम क्षणों में परमात्मतत्व की प्राप्ति का उल्लेख यत्रतत्र मिलता है। जैन आगमों की तरह बौद्ध पिटक, महाभारत, भगवद्गीता आदि धर्मग्रन्थों में भी भावितात्मा शब्द का यत्र-तत्र प्रयोग हुआ है। वस्तुतः जो अपनी आत्मा को परमात्मभाव (शुद्ध आत्मभाव) से भावित नहीं करता, वह परमात्मतत्त्व को प्राप्त नहीं कर पाता। इसी दृष्टि से आचार्य कुन्दकुन्द ने कहा-'भावरहिओ न सिज्झइ'1-"(परमात्म-) भाव से रहित मनुष्य कभी सिद्धि-प्राप्ति (परमात्म-प्राप्ति) नहीं कर सकता।" यह साधना भी अपनी आत्मा से ही होती है यह भी सत्य है कि परमात्मभावों से आत्मा को भावित करने की इस साधना की क्षमता, शक्ति, योग्यता और दक्षता कोई बाहर से नहीं आती, अपितु स्वयं के अभ्यास से ही आती है। किसी तथाकथित शक्ति, देवी-देव, भगवान् या अवतार के अनुग्रह, वरदान या शक्तिपात आदि से भी यह प्राप्त नहीं होती । न हो किसी धर्म, सम्प्रदाय, मत, पन्थ या गुरु का आश्रय लेने से भी यह प्राप्त होती है । जैसा कि धर्म-समभावी आचार्य हरिभद्रसूरि ने कहा है "सेयंबरो वा आसंबरो वा, बद्धो वा तहेव अन्नो वा। समभाव-भाविअप्पा लहइ मुक्खं न संदेहो ।" श्वेताम्बर हो, या दिगम्बर हो, बौद्ध हो या अन्य किसी भी धर्मपन्थ से सम्बन्धित हो, जिसका आत्मा समभावों से भावित हो; वह निःसंदेह मोक्ष (परमात्मत्व) को प्राप्त कर लेता है । वस्तुतः यह साधना स्वयं को परमात्मभाव से भावित करने से ही होती है। 'भावितात्मा' शब्द का अर्थ और फलितार्थ भावितात्मा' शब्द अत्यन्त प्राचीन तथा शास्त्रीय शब्द है । इसका शब्दशः अर्थ होता है-'जिसकी आत्मा भावित हो।' इसका माधुनिक मनोविज्ञान की दृष्टि से अर्थ होगा-जिसकी अन्तरात्मा या अन्तःकरण किसी दृढ़भाव या दृढ़संकल्प से व्याप्त हो। आध्यात्मिक जगत् में आत्मापरमात्मा के विपरीत किसी भी भाव को स्थान नहीं है। जो भाव आत्मा को परमात्मभाव तक ले जाने में सहायक हों, या साधक हों, जो आत्मा के निजी गुण, स्वभाव और धर्म के अनुकूल हों, वे ही भाव यहाँ ग्राह्य हैं। - १ भावपाहुड ४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003189
Book TitleAppa so Parmappa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1989
Total Pages422
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size18 MB
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