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________________ ११ परमात्मा कैसा है, कैसा नहीं ? परमात्मा बनने से पूर्व, परमात्मा के यथार्थ स्वरूप को जानना आवश्यक आत्मा परमात्मा बन जाता है, यह सिद्धान्त तभी व्यवहार के धरातल पर सही उतर सकता है, जब परमात्मा का यथार्थ स्वरूप जान लिया जाय । परमात्मा का स्वरूप जाने बिना कोई भी आत्मा ( मानवात्मा) चाहे कि मैं किसी भी शक्ति, महान् आत्मा, तीर्थंकर, पैगम्बर या भगवान् के अनुग्रह, आशीर्वाद या कृपा से सामान्य- आत्मा से परमात्मा बन जाऊँ, यह असम्भव है । परमात्मा के यथार्थ स्वरूप को जाने बिना .... परमात्मा के यथार्थस्वरूप को जाने बिना आत्मार्थी साधक 'कैसा परमात्मा बनना चाहता है ?' इस विषय में कोई स्पष्ट दर्शन न होने से वह परमात्मा बनने के बदले किसी घटिया किस्म का आत्मा भी बन सकता है । अथवा ईश्वर के तथाकथित ठेकेदार उन भोले-भाले धर्मभीरुओं से हजारों-लाखों रुपये ऐंठ कर मरने के बाद स्वर्ग में देवात्मा बना देने, तथा आलीशान भवन, रूपवती नारियाँ, स्वादिष्ट भोजन एवं मद्यादि पेय तथा समस्त स्वर्गीय सुखभोग की सुविधाएँ दिला देने का आश्वासन दे देंगे । ( १६० ) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003189
Book TitleAppa so Parmappa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1989
Total Pages422
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size18 MB
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